Thursday 31 July 2014

तुम्हारी दुआ फूल-फल रही है...


“ युन्गे केम बाल्ड वीडर नख हाऊस
गेह निश्त वीडर हिन आऊस !! "

सुना है तुमने ये जर्मन गीत ?
मैंने भी अभी तीन दिन पहले ही सुना ... ईद पर पिछले मंगलवार ।
एक बुजुर्ग ने सुनाया गा कर...
एक किशोरी का प्रेम-गीत !!
जिसमें वो अपने प्रेमी को बुला रही है...
आकर फिर कभी न जाने के लिए ।

उस दिन सुबह देर से जागा ।
आईने के आगे खड़ा था ....
तुम्हारे ख़यालों की तपिश कभी भोर का राग सुना रही थी ,
तो कभी ख़ुमारी में ले जा रही थी ।
कि अचानक मोबाइल की घंटी बजी...
उधर से आवाज़ आई
“ ईद की मुबारकबाद जनाब ।
घर आ जाइये,
इसी बहाने देव से भी मुलाक़ात हो जाएगी रु-ब-रु । "

आवाज़ में ऐसा बेलौस अपनापन था कि रोक नहीं पाया मैं खुद को !
और चला गया ईद मिलने...
उस शख़्स के घर, जिससे एक ही शहर में रहकर भी पहले कभी नहीं मिला ।
पर वो मुझे जानता है !
नहीं मुझे नहीं ...
वो तुम्हारे देव को जानता है ।
दरवाज़े पर एक रोशन उम्रदराज़ चेहरे ने इस्तक़बाल किया ।
ज़बाँ ऐसी कि गुड़ की डल्ली भी फीकी पड़ जाये ।
मौला ....
मेरे शहर में इतने हसीन लोग भी बसते हैं !
कुछ देर बाद वो शख़्स आया जो तुम्हारे देव से मुहब्बत करने लगा है ।
... मेरे इन ख़तों के कारण !!
और जब मैं नासिर अहमद ख़ान साहब से गले मिला तो लगा, तुम दूर खड़ी हो कर मुस्कुरा रही हो ।
तुम्हारी दुआ फूल-फल रही है ।
तुमने कभी मेरे किसी ख़त पर अपनी राय नहीं दी ।
... पर एक दुआ दी है !
कस्तूरी बन महक रही है वो दुआ ,
मेरे ख़तूतात में ...
मेरे हर लफ़्ज़ में,
मेरी रोशनाई में !

“ देव तुम्हारे प्यार में बरक़त होती रहे ... हमेशा ! "
यही कहा था न तुमने ?
देखो तो सखी ...
आज मैं एक रिश्ता जोड़ आया हूँ ।
लग रहा है कि मेरा बचा-खुचा अधूरापन भी अब पूर्ण हुआ जाता है ।
कि तुम्हारे लिए मेरा प्यार और–और बढ़ता जा रहा है ।

जब वहाँ से विदा लेकर निकलने लगा,
तो पता है नासिर भाई के अब्बा डॉ. मसूद अहमद ख़ान साहब मुझसे क्या बोले ?
कहने लगे ....
देव जादूगर हो कोई ?
मुझे ऑस्टियो ऑरथराइटिस है !
... लेकिन तुम्हारे साथ का असर देखो, मैं ख़ुद में जवान महसूस कर रहा हूँ ।
कुछ कह न सका मैं ...बस मुस्कुरा भर दिया !
लगा कि जैसे उन दो अनुभवी आँखों ने मेरे अंदर तुमको देख लिया ।
क्योंकि असली जादू तो तुम्हारा है ... मेरी जादूगरनी !
“ मैं तो बस चेहरा हूँ ,
  आत्मा तुम्हारी है । "

सुनो ,
मेरे होंठों पर अचानक मीठी सिवईं का स्वाद उभर आया !!

तुम्हारा

देव








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